निर्भगि कोरूना
द्येश परिवारा प्रति,
जिमवारि निभौण।
कोरूना कि लड़ै हमुन,
इन्नि जितौण।
कक्खि नि जाण,
घौर मु रौण।
ये परपंचि तैं,
इन्नि छकौण।
मास्क लगौण,
हाथूं तैं धोण।
कोरूना मशाण तैं,
इन्नि हरौण।
ज्यूँ तैं येन दियलि त्रास,
तौं बि हमुन ढाँढस बंधौण।
जु अबि छिन येकि चप्येट मा,
जति ह्वे सकदु हिकमत द्योण।
ह्वे सकदु त भलु समझौण,
सुदि सुदि कैतें नि भकलौण।
अपणु नम्बरऔण पर दगड्यों,
टिकाकरण बि जरूर करौण।
फेर बि ऐ जाऊ क्वे लक्षण,
टेस्ट करौण नि घबरौण।
दवै का दगड़ि नियम माणि तैं,
ये निर्भगि तैं फुंड भगौण।
स्वरचित
सुनीता सेमवाल "ख्याति"
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
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