तिब्बा सीमा पर सुमना के पास ग्लेशियर टूटने से बीआरओ के 8 मजदूरों की मौत, 384 का रेक्सयू, 38 लापता, मुख्यमंत्री ने किया हवाई दौरा
-कुलदीप राणा आजाद/केदारखण्ड एक्सप्रेस
-मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इलाके का हवाई सर्वेक्षण के बाद चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत में दी जानकारी -सेना, आईटीबीपी समेत एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व जिला प्रशासन राहत बचाव में जुटा
चमोली। तिब्बत सीमा पर सुमना के पास पास कल शाम के वक्त ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे में अब तक सीमा सड़क संगठन के 8 मजदूरों की मौत हो चुकी है जिनके शव भी बरामद किए जा चुके हैं। जबकि 384 मजदूर का सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। सेना आईटीबीपी और एनडीआरएफ एसडीआरएफ सहित तमाम सुरक्षा बलों द्वारा अभी भी रेस्क्यू का कार्य किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अभी भी इस हादसे में 38 मजदूर लापता चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज जोशीमठ के सुमना में ग्लेशियर टूटने वाले क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण व सेना के अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ।ने चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि सुमना में जहां पर ग्लेशियर टूटा वहां पर बीआरओ के लगभग 400 लेबर काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस हादसे में 8 मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है जबकि 4 लोग घायल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौके पर सेना, आईटीबीपी की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ वहां पर आगे बढ़ी है और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुट है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं। मुख्यमंत्री के साथ ही आपदा ग्रस्त क्षेत्र का जायजा लेने केबिनेट मंत्री धन सिंह, व बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट ने भी मलारी सुमना बॉर्डर का हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होनें जोशीमठ पहुँच कर NDRF सहित तमाम रेस्क्यू एजेंसी के अधिकारियों संग राहत और बचाव कार्य को लेकर मंत्रणा की। वही BRO की एक टीम मलारी रोड पर भापकुंड से आगे सुमना तक सड़क मार्ग से बर्फ हटाने पर जुट गई है।
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