भ्रष्टाचार का अड्डा बना रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय, धरती के भगवान जमकर लूट रहे हैं मरीजों को
-कुलदीप राणा आजाद/केदारखण्ड एक्सप्रेस
रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल भ्रष्टाचार का स्मारक बन चुका है। यहां समय-समय पर डॉक्टरों पर अवैध रूप से पैसा वसूलने की शिकायतें अक्सर आती रही है जबकि प्राइवेट मेडिकल स्टोरों से मरीजों को दवाई मंगवाना और उससे मोटा मुनाफा एवं कमीशन खोरी का खेल यहां सरेआम चल रहा है। एक बार फिर रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल सुर्खियों में है। इस बार पुनः एक रोगी ने हड्डी रोग विशेषज्ञ पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है।
दरअसल विकास खंड अगस्त्यमुनि के जगोठ निवासी जितेंद्र सिंह द्वारा अपने शिकायती पत्र में जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि जब वे अपने पैर का उपचार करने जिला चिकित्सालय के हड्डी विभाग में गए तो उन्हें पैर के आॅपरेशन हेतु 18 मार्च, 2021 की तिथि दी गई। साथ ही आयुष्मान कार्ड न होने के एवज में उनसे पचास हजार रुपए की मांग की गयी जिसके बाद मरीज द्वारा अपना आयुष्मान कार्ड बनाया गया। आयुष्मान कार्ड बनने के बाद भी चिकित्सक द्वारा उनसे तीस हजार रुपए की मांग की जा रही है। इसके साथ ही आॅपरेशन करने को लेकर लगातार आगे की तिथियां निर्धारित की जा रही हैं साथ ही पैसे की भी मांग की जा रही है।
जिलास्तरीय समिति करेगी, जिला अस्पताल की अनियमितताओं की जाँच।
जिला चिकित्सालय की अनियमिततायें की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन।
मरीजों से अनधिकृत रूप से की जा रही पैसों की मांग।
जिला चिकित्सालय में चिकित्सक द्वारा मरीजों से अनधिकृत रूप से धनराशि की मांग के संबंध में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सदस्य है। समिति एक सप्ताह के भीतर जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
आम जनता को स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर मुहैया कराने की दिशा में तत्पर जिलाधिकारी द्वारा इन शिकायतों को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए, समिति को वास्तविक स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा कि, यदि जाँच में चिकित्सालय का कोई भी कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। जनता को हो रही दिक्कतों को देखते हुए, जिला प्रशासन की ओर से इस कार्य को उच्चतम प्राथमिकता के आधार पर करने को कहा गया है।
चिकित्सालय प्रशासन की अनेक शिकायतें लगातार जिलाधिकारी के संज्ञान में दूरभाष व स्वयं मरीजों द्वारा समय-समय पर लाई जा रही थी। इनमें मरीज के पास आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी अनधिकृत रूप से धनराशि की मांग करने सहित प्राइवेट मेडिकल स्टोर से मरीजों को दवाइयां व उपकरण इत्यादि सामग्री क्रय करवाना, मरीजों को अनावश्यक रूप से उच्च सेंटर संदर्भित किए जाने आदि की शिकायतें हैं।
No comments:
Post a Comment