सतलुज जल विद्युत परियोजना से डरने लगे लोग, परियोजना के खतरे को पहले भांप ले सरकार
नवीन चंदोला/केदारखण्ड एक्सप्रेस
थराली। नंदा ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन और रेणी घाटी में धौलीगंगा एव ऋषि गंगा पर बने जल विद्युत परियोजना क्षेत्र को भारी तबाही मची है। कई कर्मचारी मजदूर स्थानीय लोग इस जल प्रलय की भेट चढ़ गए हैं। इस भयंकर आपदा का शिकार स्थानीय जन मानस हुआ है। जिस अब पहाड़ में बन रही जल विद्युत परियोजनाओं के खिलाफ लोग मुखर होने लगे हैं।
थराली में भी स्थानीय लोगों ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड जो हिमाचल प्रदेश सरकार व उत्तराखंड सरकार का संयुक्त उपक्रम हैं और 252 मेगावाट की यह परियोजना हैं उससे भविष्य में कोई नुकसान न हो इसके लिए चिंता जाहिर की हैं यह परियोजना देवाल के देवसारी गांव में चल रही हैं और यह भारत सरकार का प्रोजेक्ट हैं, तथा इनका मुख्य कार्यालय कुलसारी में हैं अगर भविष्य में ऐसा होता हैं तो यहां की जनता को भी भंयकर तबाही का सामना करना पड़ सकता हैं
इस पर जिला पंचायत सदस्य देवी जोशी (सूना वार्ड) चमोली, हर्षवर्धन शर्मा सामाजिक कार्यकर्ता, ने कहा सरकार को S.J.V.N. Ltd द्वारा चलाए जा रहे इस प्रोजेक्ट पर भी एक बार पुर्नविचार करना चाहिए, जिससे आने वाले समय में ऐसी दुखद घटना देखने को न मिले, और यह भी कहा बिजली उत्तराखंड में बनती हैं और नुकसान भी उत्तराखंड की जनता को झेलना पड़ता हैं लेकिन फिर भी उत्तराखंड की जनता को बिजली उच्च दरों पर दी जाती हैं।