तेरी याद में....
@सर्वाधिकार : कुलदीप राणा आजाद
मुस्कुराता हूं अक्सर
उस दर्द को छुपाकर
जो पिया है मैंने
रातों को जगाकर।।
कट जाते हैं दिन पूरे
दोस्तों के संग मेरे
पर हो जाती हैं उदास रातें
यादों के संग तेरे।।
भीग जाती हैं पलकें अक्सर
जुदाई की हद को सहकर
वो रात ही होती है जब
रोता हूं तकिये से लिपटकर।।
आरजू है बस इतनी अब
दुनिया भर की खुशियां मिले तुम्हें सब
आंखे बंद हो मेरी सदा के लिए
जाते हुये तेरा मुस्कुराता चेहरा दिखे बस।।
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