पोस्टडॉक्टोरल वैज्ञानिक बने जिला रुद्रप्रयाग के डॉ अंकित बुटोला
यूरोपीय संघ के प्रतिष्ठित ईआरसी स्टार्टिंग ग्रांट के तहत पोस्टडॉक्टरल फेलो के रूप में हुआ चयन
रूद्रप्रयाग। पहाड़ की प्रतिभाओ की चमक हर दिन देश दुनियाँ में अपना परचम लहरा रही है। ऐसी ही चमकती प्रतिभा के धनी है पहाड़ के विद्यालयो में पढे लिखे रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि निवासी डॉ अंकित बुटोला। इनका हाल ही में नॉर्वे के यूआईटी द आर्कटिक विश्वविद्यालय में पोस्टडॉक्टोरल वैज्ञानिक के रूप में चयन होने से केदारघाटी में खुशी की लहर है। हाल ही में अंकित बुटोला को भौतिकी विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT दिल्ली) से डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
पहाड़ के साधारण परिवार में जन्मे अंकित मूल रुप से अगस्त्यमुनि ब्लाक के ग्राम बष्टा के निवासी है। उनके पिता की विजयनगर बाजार में आयुर्वेदिक फार्मेसी चलाते है। प्रतिभा के धनी इस परिवार पर माँ सरस्वती की विशेष कृपा है। अंकित के बड़े भाई मनोज बुटोला बैंक आफ इण्डिया में मैनेजर और दूसरे भाई संदीप बुटोला नोवाल्टिस फार्मा कम्पनी में बतौर साइंटिस्ट कार्य करते है।
अंकित की प्रारम्भिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर और राजकीय इंटर कॉलेज अगस्त्यमुनि से हुई। वर्ष 2012 में एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक करने के उपरांत 2015 में जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी में भौतिकी में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के दौरान ही उन्होने नेट-जेआरएफ, गेट, जेस्ट और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की परीक्षाओं में भी सफलता अर्जित की है। वर्ष 2020 में उन्होने आईआईटी दिल्ली से पीएचडी डिग्री हसिल की जिसमे उन्होंने 2 पेटेंट तथा 25 से अधिक रिसर्च पेपर प्रकाशित हुऐ। पहाड़ में पली बड़ी इस विलक्षण प्रतिभा को अब यूरोपीय संघ के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित ईआरसी स्टार्टिंग ग्रांट के तहत पोस्टडॉक्टरल वैज्ञानिक के रूप में चुना गया हैं।
डॉ अंकित ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने परिवार विशेषकर अपने पिता जीतपाल सिंह बुटोला और दादा जी मोहन सिंह बुटोला को दिया है।
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