विडम्बना: पांच वर्षों मातृ शिशु केन्द्र के पुराने भवन में संचालित हो रहा तहसील बसुकेदार
भानु भट्ट/केदारखण्ड एक्सप्रेस
बसुकेदार। करीब 68 ग्राम सभाओं का तहसील बसुकेदार की बिडम्बना देखिए अपने स्थापनाकाल से ही मातृ शिशु केन्द्र के पुराने भवन पर संचालित हो रहा है। इसे दुर्भाग्य न कहे तो और क्या कहे कि वर्ष 2017-18 में ग्राम सभा डालसिंगी के ग्रामीणों ने 80 नाली भूमि देने के बावजूद भी तहसील कार्यालय भवन बनाने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जबकि लोगों की जमीन 3 वर्षों से बंजर पड़ी है।
आपको बताते चले कि हरीश रावत सरकार में वर्ष 2015 में केदारनाथ और रूद्रप्रयाग की विधानसभाओं के करीब 68 गाँवों के लिए बसुकेदार में तहसील स्वीकृत होकर मातृ शिशु केन्द्र के पुराने भवन पर संचालन किया गया। यहाँ भारी अव्यवस्थाओं के को देखते हुए डालसिंगी के ग्रामीणों ने अपनी 80 नाली भूमि वर्ष 2017-18 में तहसील भवन निर्माण के दी। लेकिन सरकारों के घोर उदासीनता के कारण यहां तहसील भवन निर्माण को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जबकि कई बार उपजिलाधिकारियों ने अपनी मौजूदगी में इस जमीन का भूगर्भीय सर्वेक्षण भी कर लिया है।
बसुकेदार तहसील की उपेक्षा इस कदर की जा रही है कि जब से यह तहसील अस्तिव में आया अब तक 5 तहसील दार यहां बदले जा चुके हैं। जिनमें से 3 प्रभारी के रूप में सेवायें दी। दो-दो विधानसभाओं का केन्द्र होने के साथ ही दो जिला पंचायत सदस्य, 10 से अधिक क्षेत्र पंचायत सदस्य, दो-दो ब्लाॅक प्रमुखों जैसे राजनेतिक नेतृत्व होने के बाद भी यह तहसील भारी उपेक्षा का दंश झेल रही है। तहसील में जहाँ लोगों को बैठने तक की व्यवस्था नहीं है वहीं बार-बार बिजली के गुल होने से जनरेटर की भी व्यवस्था नहीं है जिससे दूर-दूर से आये लोगों को तहसील में प्रमाण पत्र बनाने में कई दिन चक्कर काटने पड़ते हैं। आखिर कब इस तहसील के दिन बहुरेंगे यह प्रश्न लोगों के जहन में अक्सर कौंधता है।