मयाली-रणधार-बधाणी मोटरमार्ग की बनी है दुर्दशा, डामरीकरण पर खर्च हुआ चार करोड़ रुपये, उक्रांद ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
सुनील सेमवाल/केदारखण्ड एक्सप्रेस
जखोली। विकासखंड जखोली के पश्चिमी बांगर क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाली मयाली-रणधार-बधाणी मोटरमार्ग की दुर्दशा बनी हुई है। उत्तराखंड क्रांति दल ने इस मोटरमार्ग पर हुए डामरीकरण के कार्य की उच्चस्तरीय जांच और सड़क को हॉटमिक्स बनाने की मांग की है।
उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि कुछ दिन पूर्व वह मोटरमार्ग का स्थलीय दौरा करके लौटे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में मयाली से कोट तक डामरीकरण का काम हुआ था। जिस पर लोक निर्माण विभाग ने लगभग दो करोड़ रुपए खर्च किये। वर्ष 2019 में पीएमजीएसवाई जखोली ने लगभग दो करोड़ की लागत से कोट से बधाणी तक सड़क पर डामर बिछाया था। पिछले छह वर्षों में इस सड़क पर लगभग चार करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए और आज भी इस सड़क की स्थिति ढाक के तीन पात जैसी है।सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं रहा। जगह-जगह पेंटिंग उखड़ गई है और बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए हैं। अब इस पर अब लीपापोती की जा रही है। मोहित डिमरी ने कहा कि इस सड़क से जनप्रतिनिधि भी गुजरते हैं और अधिकारी भी। लेकिन इसके सुधारीकरण पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई के अधिकारियों से इस सड़क को हॉटमिक्स करने की मांग की है।
युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि अपना राज्य बनने के बाद पहाड़ के लोगों को बहुत उम्मीदें थीं। पहाड़वासियों को ऐसा लगने लगा था कि अब पहाड़ में तेजी से विकास होगा। राज्य बने बीस वर्ष बाद जब हम तस्वीर देखते हैं तो कोई ख़ास अंतर दिखाई नहीं देता है। हमारे गांवों को जोड़ने के लिए बनाई गई सड़कों की हालत देखकर आप ख़ुद ही आंकलन कर सकते हैं कि कितनी तेजी से विकास हो रहा है। जो सड़कें बनाई गई हैं, उनमें एक भी सड़क ऐसी नहीं दिखाई देती, जिस पर गुणवत्तापूर्ण कार्य हुआ हो। सड़क पर बिछाया गया डामर एक महीने भी नहीं टिक पाता है। नाली और सुरक्षा दीवार के भी टिकने की गारंटी नहीं रहती। कुल मिलाकर मानक के अनुसार सड़कें कभी बनती ही नहीं। उन्होंने कहा कि मयाली-रणधार-बधाणी मोटरमार्ग पर हुए हुए डामरीकरण की उच्च स्तरीय जांच की जाय।
No comments:
Post a Comment