प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के लिए एनएसएस की छात्राओं ने चलाया अभियान, कहा जल है तो जीवन है
-सोनिया मिश्रा/ केदारखंड एक्सप्रेस
गौचर। रा. आ.बा.इ. का गौचर चमोली में एन. एस. एस. इकाई का स्पर्श गंगा स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत आज एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 11वीं तथा 12वीं कक्षा के स्वयं सेवियों ने अपने गाँव के जल स्रोतों एवं विभिन्न स्थानों की सफाई करके प्रकृति के संवर्धन के प्रति आम जन मानस को जागरुकता का संदेश दिया।
एन एस एस की प्रमुख विजयलक्ष्मी देवली ने बताया की एनएसएस की स्वय सेवियों द्वारा आज अपने गांव में जो प्राकृतिक जल स्रोत हैं उनकी साफ सफाई की गई। उन्होंने कहा कि आज घर घर नल पहुंच गया है जिस कारण जो हमारे प्राकृतिक जल स्रोत एवं धारे हैं उनके संरक्षण व संवर्धन की दिशा में लोगों का ध्यान नहीं जा रहा है जिस कारण इनका अस्तित्व खतरे में आ गया है यही कारण है कि आज गांव के नजदीक प्राकृतिक जल स्रोत धीरे धीरे खत्म हो रहे हैं। विजयलक्ष्मी देवली ने बताया की आज एन एस एस की छात्राओं द्वारा चलाए गए अभियान का उद्देश्य भी यही था कि हम अपने आसपास के जल स्रोतों के प्रति उदार रहे और उनका रख-रखाव साफ-सफाई समय-समय पर करते रहे ताकि उनका वजूद जिंदा रहे। उन्होंने कहा जल स्रोत जीवित रहेंगे तो वह सालों तक जनमानस को जलापूर्ति से लाभान्वित करते रहेंगे।
उन्होंने बताया कि आज के दौर में मानव आबादी लगातार बढ़ रही है जिस कारण जंगल बड़े पैमाने पर खत्म हो रहे हैं। जंगलों के खत्म होने और प्रकृति से अनायास छेड़छाड़ करने से प्राकृतिक जल स्रोत सूखते जा रहे हैं ऐसे में एक तरफ बढ़ती आबादी और दूसरी तरफ घटते पेयजल का संकट अभी से कहीं क्षेत्रों में गहराने लगा है। अगर अभी से पेयजल स्रोतों को बचाने की दिशा में सार्थक और कारगर पहल नहीं की जाती है तो निकट भविष्य में पेयजल की गंभीर समस्या से जूझने के लिए हमें तैयार रहना पड़ेगा। क्योंकि जल है तो जीवन है।
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