थराली मेंपिंडर नदी पर सीमा सड़क संगठन कर रहा है अवैध खनन, प्रशासन मौन
नवीन चंदोला/केदारखण्ड एक्सप्रेस
रूद्रप्रयाग। नदियों में खनन को लेकर वैसे तो सरकार ने नीतियां बनाई हैं और नियम कायदों के तहत ही नदियों से रेत बजरी का चुगान किया जाता है लेकिन चमोली जिले के थराली नारायणबगड़ में सरकार के तमाम नियम कायदों को सरकारी तंत्र धत्ता बता रहा है।। यह हम नहीं बल्कि थराली के स्थानीय लोग कह रहे हैं। लोगों का कहना है कि सीमा सड़क संगठन द्वारा बिना अनुमति के पिंडर नदी से बड़े पैमाने पर खनन किया जा रहा है जिससे सेमसैंण गाँव का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा कोरोना के कारण हुए लाॅकडाउन के शुरूआती चरण से ही पिंडर नदी पर बुसड़ी पुल के नीचे बिना अुनमति के खनन शुरू कर दिया गया था और करीब नौ माह से लगातार खनन कर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। जबकि नदियों को खुर्द-बुर्द कर न केवल नदियों की धाराओं को तोड़ने-मरोड़ने का कार्य किया जा रहा है बल्कि आने वाले बरसात में बड़ी अनहोने को भी दावत दी जा रही है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां जब स्थानीय लोग अपने घर बनाने के लिए रेता बजरी का चुगान करते हैं तो तहसील प्रशासन लेकर आलाधिकारी लोगों का चालान काट देते हैं लेकिन जब सरकार की एंजेन्सी ही बिना अनुमति के बेधड़क दिनदहाड़े नदियों का सीन चीर कर उपखनिज पर चांदी काट रहा हो और सरकारी राजस्व को करोड़ो का चूना लगा रहा हो तो फिर इस पर क्यों जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। यह अपने आप में बड़ा सवाल है। बहरहाल बीआरओ द्वारा लगातार खनन किया जिससे नदियों के बीच में बड़े बड़े गड्डे हो चुके हैं। ऐसे में आने वाले बरसात में पानी का कटाव सेमसैंण गांव की तरफ होगा इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता और गांव को नदी के कटाव से भारी खतरा भी उत्पन्न हो सकता है। लेकिन तहसील प्रशासन है कि सब कुछ मुंह के सामने होने के बाद भी चैंद की नींद सोया हुआ है। स्थानीय संदीप रावत, मनोज रावत, राजेन्द्र प्रसाद चन्दोला, उमेश चन्दोला, लक्ष्मी प्रसाद चन्द्रोला, हरीश चन्दोला आदि ने मांग की कि जल्द इस पर रोक लगनी चाहिए और बीआरओ पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।