पोखरी : किसानों से नाराज प्रकृति का फिर दिखा रौद्र रूप: आसमानी आपस से फसल हुई तहस-नहस, निराश किसान
-राजेन्द्र असवाल/केदारखंड एक्सप्रेस
पोखरी। बीते पांच दिनो से विकासखण्ङ पोखरी पर प्रकृति अपना रौद्र रूप दिखा रही है। किसानों से नाराज प्रकृति आसमानी आफत ढहा रही है, जिससे किसानों की पक्की फसल पूरी तरह से तहस-नहस हो गई है। लगाातार हो रही ओलावृष्टि से यहां चन्द्रशिला पट्टी के कई गांवो में काश्तकारों की फसल एवं सब्जी व फलदार पेड़ो को भारी नुकसान हो गया है।
खेतो में जहां गेंहूं, जौ, मटर, सरसो, आलू, प्याज, लहसून, धनियां की फसलें बारिश,हवा व ओला गिरने से चौपट हो गयी है, वहीं फलदार पेड़ो माल्टा, नारंगी, नींबू, च्यूला , खुमानी, आड़ू आदि को भारी क्षति हुयी है। जिससे काश्तकारों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है। काश्तकार प्रशासन से फसल के नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे है।
क्षेत्र में बिगत पांच दिन से लगातार हो रही ओलावृष्टि के कारण पोगठा, रौता, सिमलासू, चौण्डी, मज्याड़ी, गनियाला, हरिशंकर,खन्नी, थाला, सटियाना, ताली कंसारी, वल्ली, खड़की, चन्द्र शिला पट्टी और हापला क्षेत्र के श्रीगढ, कलसिर, गुड़म, मसोली, नैल, नौली, बंगथल, जौरासी, कांडई, किमोठा, सलना डुंगर, भिकोना सहित कई गांवो में एकबार नही कई बार ओलावृष्टि होने से काश्तकारों को संकट में डाल दिया है।
काश्तकार पोगठा के पूर्व प्रधान बलराम सिंह नेगी,लक्ष्मणसिंह नेगी,रौता के प्रधान बीरेन्द्र राणा, हनुमंसिंह असवाल,कुंवर सिंह चौधरी,नंदनसिंह राणा,देवेन्द्र राणा,संतोष नेगी,गजेन्द्र नगी,सत्येन्द्र नगी,बीरेन्द्र भंडारी,देवेन्द्र नेगी सहित कई कास्तकारों ने कहा है कि एक ओर कास्तकारो के सम्मुख कोरोना संकट बना है, दूसरी ओर मौसम की मार का सामना करना पड़ रहा है। उन्होने प्रशासन से प्रभावित कास्तकारो को यथाशीघ्र मुआवजा देने की मांग की है।