चमोली में जैविक सब्जियों के उत्पादन में लगे हैं महेंद्र बिष्ट
-संदीप बर्त्वाल,/केदारखंड एक्सप्रेस
रूद्रप्रयाग।दिल्ली और फरीदाबाद में बड़ी कंपनियों में प्रोडक्शन इंजीनियर की नोकरी छोड़ कर चमोली के सरतोली गांव के महेंद्र सिंह बिष्ट अपने खेतों में जैविक सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं।प्रोडक्शन इंजीनियर के रूप में 85 हजार रुपये की अच्छी खासी सैलरी छोड़ कर महेंद्र बिष्ट 2019 अगस्त माह में घर सरतोली आये दृढ़ संकल्प के धनी महेंद्र ने सीढ़ीनुमा खेतो को हल चलाकर तैयार किया,लगभग 200 नाली भूमि को समतल कर दिया,
संकल्प लिया कि अब गांव कभी नही छोड़ना है यही खेती के माध्यम से सब्जियों को उगाना है। गांव के युवाओं को लेकर सब्जी उत्पादन पर जोर दिया और उनकी मेहनत रंग लाने लगी।उन्होंने कहा अभी मार्केट में 20 कुंतल मटर बेच दिया है।
गांव की सड़क ठीक नही है तो कंधे पर उठाकर बाजार तक लाते हैं अभी मटर से लगभग 80 हज़ार कमा चुके हैं।उनके साथ 5 लोग काम करते हैं। बताते हैं कि उनके द्वारा आजकल आलू बोया गया है लगभग 80 हज़ार का आलू उत्पादन होगा।
7 कुंतल टमाटर ,बंदगोभी,100 कुंतल ,और अन्य मौसमी सब्जियां बोयी है जो मई तक तैयार हो जाएगी।
महेंद्र का कहना है सरकार को जैविक खेती और उत्पादन के लिए प्रेरणा के रूप में किसानो की तकनीकी ,समय पर बीज,फ्लो ओर सब्जियों ,को प्राथमिकता,सिंचाई के संसाधन ,और जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए तकनीकी सहयोग करना चाहिए,। उनका कहना है पहाड़ से पलायन करने के बजाय लोगो को खेती पर ध्यान देना चाहिए, महेंद्र ने हाल ही में प्रधानमंत्री राहत कोस में 1100 रुपये भी दिए हैं उन्होंने कहा निरन्तर मेहनत मेरा संकल्प है।।