कोरोना को लेकर सोशल मीडिया व मीडिया में फेक न्यूज और गलत जानकारी प्रसारित करने वालो की अब खैर नहीं, पुलिस द्वारा की जा रही कडी मानिटरिंग।
देहरादून। देश और पूरी दुनिया में इस वक्त कोरना विषाणु का भारी आतंक है भारत में लगातार कोरोनावायरस खड़े बढ़ रहे हैं और कोरोना से बचने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन चल रहा है। लेकिन इस सब के बीच कुछ लोग सोशल मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और मीडिया के जरिए फेक न्यूज़ अथवा भ्रामक जानकारियों से लोगों में भय का माहौल पैदा कर रहे हैं ऐसे में अब भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें और पुलिस सख्त नजर आ रही है।
कोरोना वायरस पर फेक न्यूज या गलत जानकारियां प्रसारित करने पर प्रशासन द्वारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में सचिव दिलीप जावलकर द्वारा जारी आदेश में जिलाअधिकारियो और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक को सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर फेक न्यूज पर रोक लगाने के लिए इनकी प्रभावी मानिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा गया है। सोशल मीडिया में कोरोना वायरस के संबंध में गलत जानकारियां देने या फेक न्यूज देने पर आईटी एक्ट व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना वायरस के संबंध में ऐसी गलत सूचनाएं प्रसारित नहीं की जानी है जिनसे आमजन में भय व्याप्त हो और लोकव्यवस्था बिगड़े। उधर भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को कोरोना वायरस पर फेक न्यूज और गलत सूचनाओं को हटाए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में प्रदेश में भी सोशल मीडिया पर इस तरह की गलत जानकारियां देने पर संबंधित जिला प्रशासन को प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।