आस्था : यहां दक्षिण काली की तलवार से ठीक होती है जीभ
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मां दक्षिण काली की दिव्य तलवार |
पोखरी : यूं तो देवभूमि उत्तराखंड में कण-कण में देवताओं का वास है और यहाँ अनेक देवी देवताओं की देवियां शक्तियों के किस्से अक्सर आपने सुने होंगे। यही कारण है कि ग्रामीण आज भी इन्हीं मान्यताओं के अनुसार अपने आराध्य देवों की तन मनता के साथ पूजा अर्चना और सेवा भक्ति करते हैं। आज ऐसे ही एक दिव्य शक्ति के रूप में विख्यात मां दक्षिण काली की दैवीय शक्ति से रूबरू करवाते हैं आपको-
जनपद चमोली के विकासखण्ड पोखरी के रडुवा गाँव में माँ दक्षिण काली की एक ऐसी तलवार है जो दिव्य शक्तियों से भरी पड़ी है। यही कारण है कि बर्त्वाल परिवार पीढ़ियों से मां दक्षिण काली के साथ-साथ इस तलवार की भी विशेष पूजा अर्चना करते हैं। 92 सेमी लम्बी इस तलवार की मान्यता है कि जब भी किसी इंसान के मुंह में 2 जीभ आती हैं तो उसे इस तलवार का पानी पिलाया और उस दूसरी जीभ पर लगाया जाता है, जिसके बाद वह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है। हालांकि इंसानों में 2 जीभ बहुत ही कम निकल आती हैं, लेकिन क्षेत्र में जब भी ऐसे किस्से हुए हैं तो लोगों ने इसी तलवार के जरिए उसका उपचार किया है।
कहा जाता है कि रडुवा गांव के पुष्कर सिंह बर्त्वल घर में बने दक्षिण काली के मंदिर में मौजूद यह तलवार जब बर्त्वाल धारा उजैन से रडुवा गांव में आये थे वहीं से उनके पूर्वज इस तलवार को भी यहां लाए थे, और तब से आज तक यह तलवार इनके पास है।
पुष्कर सिंह बर्त्वाल का कहना है कि अगर किसी भी ब्यक्ति की दूसरी जीभ आती है तो इस तलवार के पानी की एक बूंद पीने से उसकी दूसरी जीभ तुरन्त समाप्त हो जाती है,
और जो लोग घर से ही कहते है मां दक्षिण काली और उनकी तलवार का स्मरण करते हैं तो उनकी दूसरी जीभ वही ठीक हो जाती है। उनका कहना है यहां बहुत दूर दूर से लोग आते है हो ठीक हो जाते हैं।