बेटियों के प्रति संवेदनशील बनने के लिए "बेटी बचाओ बेटी पढाओं" का नारा पहुंचाना पड़ेगा आमजन तक, हिंसा पीडित महिलाओं के लिए वरदान है वन स्टॉप सेंटर : स्वाति भदौरिया
रूद्रप्रयाग। बेटी बचाओ बेटी पढाओं के अन्तर्गत मंगलवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला टास्कफोर्स समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें इस वित्तीय वर्ष में बेटी बचाओ बेटी पढाओं के अन्तर्गत किए गए कार्यो की समीक्षा करते हुए 31 मार्च 2020 तक की कार्य योजना तैयार की गई। इस अवसर पर समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को बेटी बचाओं बेटी पढाओं को आगे बढाने तथा इसके व्यापक प्रचार प्रसार हेतु कलेंडर, कप, घटी तथा टीस्ल्ट आदि सामग्री वितरित किए गए।
जिलाधिकारी ने बेटी बचाओ बेटी पढाओं के तहत सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढाओं के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुॅचाने तथा लोगों को बेटीयों के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने को कहा। वन स्टाॅप सेंटर की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में वन स्टाॅप सेंटर की सुविधा शुरू की गई है, लेकिन जानकारी के अभाव में अभी हिंसा से पीडित महिलाएं इसका लाभ नही उठा पा रहे है। उन्होंने कहा कि वन स्टाॅप सेंटर योजना के तहत किसी भी हिंसा से पीडित महिलाओं को अस्थायी आश्रय, पुलिस डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउन्सलिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। जिला मुख्यालय में इस सेंटर को ‘सखी’ वन स्टॉप सेंटर से संचालित किया जा रहा है। यहां पर निःशुल्क भोजन व रहने की भी व्यवस्था की गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत भी सभी विभाग मिलकर आपसी समन्वय से कार्य करे, जिससे कि हमारे जनपद में कुपोषण के प्रकरण ना रहे। उन्होंने कुपोषित बच्चों को अलग से पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के बाद नियमित रूप से कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य आंकलन के लिए रजिस्टर भी तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में स्वस्थ भारत प्रेरक हर्षित पांडे ने राष्ट्रीय पोषण अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड के सभी जिलों में पोषण अभियान लांच किया गया है तथा सभी विभागों के समन्वय से इसकों क्रियान्वित किया जाना है। पोषण अभियान का लक्ष्य 2022 तक कुपोषण को 38 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत तक लाना है। इस दौरान विभिन्न महिला कानूनों के बारे में चर्चा की गई तथा विभागों को आपस में कन्वर्जेन्स कर विभागीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया गया।