शिक्षा विभाग की छवि उद्योग विभाग की तरह थी अब हुआ है सुधार : अरविंद पांडेय
-डैस्क केदारखण्ड एक्सप्रेस
अगस्त्यमुनि: उत्तराखण्ड में शिक्षा विभाग की छवि पहले उद्योग विभाग की तरह हुआ करती थी लेकिन वर्तमान सरकार के प्रयासों से इस स्थिति में बदलाव आया है। अब लोग शिक्षा विभाग को बेहतर नजरिए से देख रहे हैं। यह बात शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने अगस्त्यमुनि में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में एक सम्मान समारोह में कहीं।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि के सेमिनार हॉल में उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें जनपद के बेसिक व माध्यमिक के कुल 100 उत्कृष्ट शिक्षकों को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय द्वारा स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जनपद के विकासखंड जखोली के 32, अगस्त्यमुनि के 50 व ऊखीमठ के 18 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुय माननीय मंत्री ने कहा कि शिक्षक देवतुल्य है व शिक्षक होना ही स्वयं में सबसे बड़ा सम्मान है। कहा कि वर्तमान में अधिकांश उच्च पदों पर कार्यरत मंत्री, अधिकारी व अन्य कार्मिको ने सरकारी विद्यालयों से ही शिक्षा ग्रहण की है।
बताया कि बोर्ड परीक्षाओं तक शिक्षको को किसी प्रकार का प्रशिक्षण नही दिया जाएगा। सरकार व शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिये प्रयासरत है व बेहतर परिणाम भी सामने आए है। उन्होंने शिक्षको को दाई की संज्ञा देते हुय कहा कि शिक्षक की भूमिका दाई की तरह होती है वे अपने विद्यार्थी के भविष्य से भली भांति परिचित होते है। बताया कि सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई है साथ ही सरकारी स्कूलों में ऐन सी ई आर टी के करिकुलम को लागू किया है जिससे सरकारी स्कूलों में भी प्राइवेट स्कूलों के अनुसार शिक्षा मिले। शिक्षा विभाग की छवि उद्योग विभाग की बन गई थी जिसमें बदलाव आया है।
इस अवसर पर दोनों विधायकों ने शिक्षा के उन्न्यन हेतु अपने सुझाव भी दिये। कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, केदारनाथ मनोज रावत, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य वाचस्पति सेमवाल, उपजिलाधिकारी सदर वृजेश तिवारी, सी ओ दीपक सिंह, प्राचार्य डॉ आशा देवी, मुख्य शिक्षा अधिकारी चित्रानंद काला, माध्यमिक लक्ष्मन सिंह दानू, बेसिक विद्या शंकर चतुर्वेदी सहित शिक्षक व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।