लगातार खूंखार भालू के हमले से भयभीत लोग : दो महिने में एक दर्जन गौशालायें फाड़ चुका
आपको बताते चले की उखीमठ के मैखड़ा गाँव के अलग-अलग तोकों में पिछले दो महिने में भालू ने गौशाला तोड़कर गाय-भैंसो पर हमला करने की दस घटनाओं को अंजाम दे दिया है। जिसने दुधारू गाय समेत आधा दर्जन गाय-भौंसों की मौत हो गई हैं जबकि एक दर्जन से अधिक गम्भीर रूप से घायल। बृस्पतिवार की रात्रि को भालू ने मैखंडा गांव के बुरेसिला तोक निवासी महिपाल सिंह भट्ट पुत्र दलीप सिंह भट्ट की गौशाला के दरवाजे तोड़करी दो बैलों पर हमला कर दिया। खूंखार भालू के हमले में एक बैल की मौत हो गई जबकि एक बैल गम्भीर रूप से घायल है। चार दिन पूर्व भी इसी गांव में एक दुधारू गाय को भालू ने मारा था। ग्रामीण कुलदीप अग्रवाल का कहना है कि वन विभाग केवल फोटो खींचकर मुआवजा देने की बात कर रहा है। जबकि खतराक भालू को पकड़ने या मरने के कोई भी प्रयास नहीं कर रहा है।
दोपहर में भी अकले जाने में
लगती है डर
लगातार भालू के हमले से मैखड़ा गांव के लोग अब दोपहर में भी घर से बाहर जाने में कतरा रहे हैं। खासतौर पर महिलायें और छोटे बच्चों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो रखा है। खेतों में काम करने और जंगल जाने में अब यहां के ग्रामीणों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि सांय ढलते ही लोग घरों में कैद हो जाते हैं। ऐसे में भालू ने ग्रामीणों की आजादी छीन कर रख दी है। लेकिन जिम्मेदार विभाग और अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं हैं। दूसरी तरफ आतंक का प्राय बना खूंखार भालू अपने नये शिकार की तलाश में है।
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