रासी गाँव में पाण्डव नृत्य की धूम : 28 नवम्बर को गैंणा कौथिक रहेगा विशेष आकर्षण
-लक्ष्मण सिंह नेगी /केदारखण्ड एक्सप्रेस
ऊखीमठ । मदमहेश्वर घाटी के रासी गाँव में 15 वर्षों बाद आयोजित पाण्डव नृत्य में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं । गाँव में 15 वर्षों बाद आयोजित पाण्डव नृत्य के आयोजन से मदमहेश्वर घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है । मिली जानकारी के अनुसार मदमहेश्वर घाटी के रासी गाँव में 28 अक्टूबर से शुरू हुए पाण्डव नृत्य में प्रतिदिन अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है तथा पाण्डव नृत्य में श्री कृष्ण - ललित पंवार, युदधष्ठिर - उमेद सिंह, भीम - मुकन्दी पंवार, अर्जुन - कुवर सिंह, नकुल - प्रदीप रावत , सहदेव - कुवर सिंह खोयाल , द्रोपती - पूर्ण सिंह, कुन्ती - सूरजी देवी , भबरीक - कार्तिक खोयाल , नकार्जुन - भीम सिंह रावत, नन्दमोर - सुनील भट्ट, गौरा - कल्याण सिंह रावत, सुभद्रा - भगत सिंह बिष्ट, माला फुलारी - कार्तिक खोयाल, हनुमान - गोविन्द, सहदेवी - रणजीत सिंह पंवार, तीलमिल - उदय सिंह रावत, भबरिकी - बलवीर राणा, नकार्जुनी - आशीष पंवार, तिलमिली - अरूण बिष्ट, वासुदत्ता - शिशुपाल नेगी की भूमिका अदा कर रहे है । जानकारी देते हुए प्रधान कुन्ती नेगी व सामाजिक कार्यकर्ता हरेन्द्र खोयाल ने बताया कि 26 नवम्बर को चक्रव्यूह लीला मंचन, 17 नवम्बर को गंगा स्नान, 28 नवम्बर को गौणा कौथिक के साथ ही 29 नवम्बर को पाण्डव नृत्य का समापन्न होगा ।
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