जोखिम : तारों के सहारे टोंस पार, मौन क्यों हैं खेवनहार
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जिंदगी को दांव पर लगाकर कुछ इस तरह से नदी पार कर रहे बच्चे |
- दिवाकर त्यागी
विकासनगर। तार के सहारे टोंस पार।। यह नजारा है विकासनगर से 50 किलोमीटर दूर धमोग गांव के पास, जहां पर उत्तराखंड व हिमाचल की सीमा को विभाजित करने वाली टोंस नदी को लोग तार पर बंधी ट्रॉली के सहारे जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस ट्रॉली से ही स्कूली बच्चे और बीमार भी नदी को पार करने को मजबूर हैं।जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
तस्वीरें आपके सामने किस तरह लोग टोंस के ऊपर एक तार पर लटकी ट्रॉली से सफर कर रहे हैं। बच्चे जान जोखिम में डालकर इस ट्रॉली के ऊपर बैठने को मजबूर है। हल्की सी चूक होते ही बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चों की माने तो ट्रॉली किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं है। इस पर बंधे रस्सों को खींचने से उनके हाथों में छाले तक पड़ गए हैं। बरसात के दिनों में मुश्किलें और बढ़ जाती है और ट्रॉली डूब जाने से वह स्कूल तक नहीं पहुंच पाते। इस दौरान उन्हें घर में ही रहना पड़ता है।।
स्थानीय लोग इसी ट्रॉली के सहारे उत्तराखंड से हिमाचल और हिमाचल से उत्तराखंड आते जाते हैं। यह सिलसिला आज से नहीं बल्कि आजादी के बाद से ही जारी है। लोगों की माने तो वह लंबे समय से नदी के ऊपर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिस कारण उन्हें मजबूर होकर नदी के ऊपर इसी तरह सफर करना पड़ रहा है।