गजब : जनपद ओडिएफ घोषित है, लेकिन यहां मंदाकिनी नदी किनारे खुले में करते हैं शौच
-कुलदीप राणा आज़ाद / केदारखण्ड एक्सप्रेस
रूद्रप्रयाग। महात्मा गांधी जी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश को स्वच्छता दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया हो और पूरे देश को खुले में शौच मुक्ति का भी अभियान चला रखा हो किन्तु प्रधानमंत्री के इस अभियान को रूद्रप्रयाग में धत्ता बताया जा रहा है।
जबकि ज्ञात हो कि रूद्रप्रयाग जनपद पहले ही ओडिएफ घोषित हो चुका है लेकिन ऑलवेदर रोड पर कार्य करने वाले हजारों मजदूर मंदाकिनी नदी के किनारे खुले में शौच कर रहे हैं। रूद्रप्रयाग से आगे केदारनाथ हाइवे किनारे अमूमन हर जगह एक जैसी स्थिति है। सिल्ली, स्वरगढ, अगस्त्यमुनि, बेडूबबगड, सौडी, गबनीगांव, बांसवाडा, भीरी, काकडागाड से आगे गौरीकुण्ड तक मजदूर मंदाकिनी का पवित्र जल दूषित कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदार अधिकारियों को पता नहीं है, सबकुछ जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और करें भी तो क्यों जनपद ओडिएफ जो घोषित हो चुका यहां तो खुले में कोई शौच करता ही नहीं। लेकिन ये तस्वीर अधिकारियों के दावों की कली खोलने के लिए पर्याप्त है।
ऐसा भी कतई नहीं है कि केवल सड़कों पर कार्य करने वाले मजदूर ही खुले में शौच कर रहे हैं बल्कि गाँवों भी कई परिवारों का अभी तक शौचालय नहीं है, पिछले दिनों एक प्रत्याशी का नामांकन केवल इसलिए नहीं हुआ क्योंकि उसके पास शौचालय नहीं था। लेकिन कमाल के हैं हमारे अधिकारी जो जिले को पहले ही शौचमुक्त घोषित कर वाहवाही बटोर रहे हैं।
यद्यपि देश गांधी जयंती दिवस को स्वच्छता दिवस के रूप में मना रहा है और मुख्य बात यह है कि इस दिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुले में शौच मुक्त भारत के रूप में घोषित करने वाले हैं। यह बड़ी बात है और इसे सरकार की एक बड़ी उपलब्धि माना जाना चाहिए। इसमें अभी कुछ दिक्कतें हो सकती हैं लेकिन वे धीरे-धीरे हल हो जाने वाली हैं। इतने बड़े देश में 5 वर्षों में 11 करोड़ शौचालयों का निर्माण अपने आप में बड़ी और असाधारण उपलब्धि है, जिसके लिए मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार प्रशंसा की पात्र है। लेकिन रूद्रप्रयाग जिले में खुले में शौच करने की खबरे पहले भी सुर्खियाँ बटोर चुकी हैं मगर सुधार के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
जबकि ज्ञात हो कि रूद्रप्रयाग जनपद पहले ही ओडिएफ घोषित हो चुका है लेकिन ऑलवेदर रोड पर कार्य करने वाले हजारों मजदूर मंदाकिनी नदी के किनारे खुले में शौच कर रहे हैं। रूद्रप्रयाग से आगे केदारनाथ हाइवे किनारे अमूमन हर जगह एक जैसी स्थिति है। सिल्ली, स्वरगढ, अगस्त्यमुनि, बेडूबबगड, सौडी, गबनीगांव, बांसवाडा, भीरी, काकडागाड से आगे गौरीकुण्ड तक मजदूर मंदाकिनी का पवित्र जल दूषित कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदार अधिकारियों को पता नहीं है, सबकुछ जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है और करें भी तो क्यों जनपद ओडिएफ जो घोषित हो चुका यहां तो खुले में कोई शौच करता ही नहीं। लेकिन ये तस्वीर अधिकारियों के दावों की कली खोलने के लिए पर्याप्त है।
ऐसा भी कतई नहीं है कि केवल सड़कों पर कार्य करने वाले मजदूर ही खुले में शौच कर रहे हैं बल्कि गाँवों भी कई परिवारों का अभी तक शौचालय नहीं है, पिछले दिनों एक प्रत्याशी का नामांकन केवल इसलिए नहीं हुआ क्योंकि उसके पास शौचालय नहीं था। लेकिन कमाल के हैं हमारे अधिकारी जो जिले को पहले ही शौचमुक्त घोषित कर वाहवाही बटोर रहे हैं।
यद्यपि देश गांधी जयंती दिवस को स्वच्छता दिवस के रूप में मना रहा है और मुख्य बात यह है कि इस दिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुले में शौच मुक्त भारत के रूप में घोषित करने वाले हैं। यह बड़ी बात है और इसे सरकार की एक बड़ी उपलब्धि माना जाना चाहिए। इसमें अभी कुछ दिक्कतें हो सकती हैं लेकिन वे धीरे-धीरे हल हो जाने वाली हैं। इतने बड़े देश में 5 वर्षों में 11 करोड़ शौचालयों का निर्माण अपने आप में बड़ी और असाधारण उपलब्धि है, जिसके लिए मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार प्रशंसा की पात्र है। लेकिन रूद्रप्रयाग जिले में खुले में शौच करने की खबरे पहले भी सुर्खियाँ बटोर चुकी हैं मगर सुधार के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।