युवाओं की फिक्र में दुबले होने का स्वांग, इस महाविद्यालय में छात्रों की हो रही भारी अनदेखी
पोखरी। 72 ग्राम सभाओं का एक मात्र उच्च शिक्षा का केन्द्र हिमवंत कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल महाविद्यालय नागनाथ पोखरी सरकारों और नीति-नियंताओं की घोर उदासीनता का दंश झेल रहा रहा है। जबकि स्थानीय जन प्रतिनिधियों की अंदेखी ने भी इस महाविद्यालय को हाशिये पर छोड दिया है। अपने स्थापनाकाल से ही यह महाविद्यालय मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है जिस कारण यहा अध्ययनरत छात्रों का भविष्य चौपट होता जा रहा है।
दरअसल वर्ष 2001-02 में अस्तित्व में आए नागनाथ पोखरी महाविद्यालय पर शुरूआती दौर से ही अव्यवस्थाओं का ग्रहण लगा हुआ है। करीब दो दशक के अन्तराल में भी विद्यालय की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। वर्तमान में भी करीब 700 से अधिक छात्र यहां अध्ययनरत हैं लेकिन गणित, अर्थशास्त्र, राजनीति, संस्कृति सहित कई महत्वपूर्ण विषयों के अध्यापक नहीं हैं। बिन आध्यापकों के कैसे यहां छात्र तालिब ले रहे होंगे यह आसानी से समझा जा सकता है। जबकि 2014-15 में यहां एक सभागार का निर्माण कार्य छत न पडने से अधर में लटका हुआ है। कॉलेज जाने वाला मोटर मार्ग वर्षों से डामरीकरण की बाट जोह रहा है, जबकि बरसात के कारण पूरा मार्ग कीचड़ और दलदल में तब्दील हो रखा है जिससे कॉलेज आने जाने वाले छात्रों और अध्यापकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सूरज सती, रवी राणा, पंकज पोखरियाल, सपना बासकंडी, आशीष, सचिन आदि छात्रों का कहना है कि सरकार एक तरफ युवाओं की उच्च शिक्षा को लेकर बडी बडी बाते करती हैं लेकिन सरकार के दांवो की कलई नागनाथ पोखरी का महाविद्यालय खोल रहा है। छात्रों ने कहा की सरकार को छात्रों का भविष्य देखते हुन इन समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। जाहिर है कि सरकार केवल नौनिहालो की फिक्र में दुबले होने का स्वांग मात्र कर रही है।