ध्यान बद्री में देव शिल्पी विश्वकर्मा की जयंती मनाई धूमधाम से : कीर्तन भजन के लाथ निकाली भव्य शोभा यात्रा
-रघुवीर नेगी /केदारखण्ड एक्सप्रेस
उर्गम घाटी। ध्यान बदरी एवं पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव की धरती पर देव शिल्पी विश्वकर्मा की जयंती बडी धूमधाम से मनाई गयी तीन दिवसीय कार्यक्रम में देव शिल्पी के मंदिर में कलश शीर्ष मुकुट स्थापित किया गया मंदिर में शोभा यात्रा के साथ भजन कीर्तन उर्गम घाटी की महिला मंगल दलों द्वारा किया गया
पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान विश्व कर्मा का जन्म हुआ था ब्रहा की सृष्टि रचना में विश्वकर्मा एक कुशल इजिनियर है जिनके द्वारा माता पार्वती के आदेश पर सोने की लंका का निर्माण करवाया था जिसे रावण लंका ले गया इसके अतिरिक्त कृष्ण की नगरी द्वारिका हस्तिनापुर आदि का निर्माण किया गया देव शिल्पी विश्वकर्मा ने भगवान शिव के त्रिशूल एवं सुदर्शन चक्र इन्द्र का वज्र समेत अनेक अस्त्र शस्त्रों का निर्माण किया
उर्गम घाटी के तल्ला बडगिंडा में है विश्वकर्मा का दिव्य मंदिर जहां 15 से 20 वर्षों के अंतराल में विश्वकर्मा जागर का आयोजन किया जाता है मान्यता है कि देव शिल्पी विश्वकर्मा आपदा तुफान वर्षा व ओलावृष्टि से फसल व लोगों की रक्षा करते है जब जब उर्गम घाटी में अत्यधिक हवायें या वर्षा होती है तब भगवान विश्वकर्मा की शरण में जाते है
शाम चार बजे पूजा अर्चना के बाद विश्वकर्मा की अस्थायी मूर्ति को शोभायात्रा के साथ ढोल दमा की थाप के साथ कल्प गंगा में विसर्जित कर दी जायेगी