अस्थायी पुल बहने से अलग-थलग पडे हैं उर्गम घाटी के दर्जनों गांव
चमोली। उर्गम घाटी की कल्प गंगा पर ग्रामीण द्वारा बनाया गया लकडी अस्थाई पुल उफनते पानी के तेज बहाव में बह गया है जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। ऐसे में विकल्प के रूप में नौ किमी पैदल अतिरिक्त सफर करना पड रहा है। भैटा-अरोसी को जोडने वाले पुल पर पिछले तीन साल से कछुवा गति से कार्य चल रहा है, लेकिन विभाग इस पुल को निर्माण नहीं करवा पा रहा है।
आपको बता दे कि वर्ष 2013 की बाढ में यह पुल बह गया था, जिससे पिलखी, भैटा, अरोसी, ग्वाणा के ग्रामीण पूरी तरह से प्रभावित हो गये हैं तब से लेकर आज तक यहां पर पुल का निर्माण नहीं हो सका है। ग्रामीण में द्वारा आवागमन के लिए लकड़ी का पुल तो बनाया जाता है लेकिन बरसात के समय जलस्तर बढने से यह पुल बह जाता है। हालत यह है कि में ग्रामीणों के सामने पूरे बरसात में खाद्यान्न संकट पैदा हो जाता है।
ग्रामीणों द्वारा कई बार इस समस्या को जनता दरबार से लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारी को भी अवगत करवाया गया लेकिन सरकार के कारिन्दों के कानों में ज्यू तक नही रेंग रही है