चारधाम परियोजना की जद में आ रहे कब्जा धरियों को नहीं मिलेगा जमीन का मुआवजा, 12 वर्ष पुराने भवन का मिलेगा मुआवजा
रूद्रप्रयाग। ऑलवेदर चारधाम परियोजना की जद में आ रहे रूद्रप्रयाग जनपद के 300 से अधिक ऐसे व्यापारी जिन्होंने सरकारी भूमि पर 12 से ज्यादा वर्षों से कब्जा कर रखा है, सरकार उन्हें अब भवन का मुआवजा देगी जबकि जमीन का मुआवजा देने से इन्कार कर दिया है।
दरअसल चारों धामों के लिए बनाई जा रही ऑलवेदर परियोजना के निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे 12 से 24 मीटर तक अतिरिक्त अधिग्रहण किया जा रहा है। जिन लोगों की जमीन, मकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान ऑलवेदर की जद में आया, सरकार द्वारा उन्हें उचित मुआवजा दिया गया लेकिन कुछ ऐसे भी व्यापारी हैं जो वर्षों से पट्टे की जमीन पर रह रहे हैं, लेकिन वर्तमान में सरकारी रिकार्ड में पट्टे की जमीन को सरकारी जमीन माना जाता है। ऐसे में पट्टे की जमीन वाले लोगों को मुआवजे से वंचित रखा जा रहा था। ऐसे में सैकडों व्यापरियों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया था। रूद्रप्रयाग में जन अधिकार मंच द्वारा प्रमुखता के साथ इस लडाई को गया और एक माह से अधिक समय तक चले इस संघर्ष और आन्दोलन को अंतत: सरकार के भक्के भरोसे और विश्वास दिलाने के साथ खत्म हुआ।
रूद्रप्रयाग में जिलाधिकारी कार्यालय में इसका जीओ पहुंच चुका है। जीओ के मुताबिक 12 वर्षों से अधिक जो सरकारी भूमि पर काबिज हैं उन्हें भवन का मुआवजा दिया जायेगा, इसके लिए कब्जाधारी को बिजली बिल राशन कार्ड आधार कार्ड आदि दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे जिससे उनका 12 वर्षों तक होने का प्रमाण मिल सके। हालांकि जमीन का मुआवजा नहीं दिया जायेगा।
जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि मंच की मुहिम रंग लाई है। इससे व्यापारियों के सामने पैदा हुई रोजी रोटी का संकट से ऊभर पायेंगे और अपनी आजीविका को चला सकेंगे। भविष्य में भी मंच इसी तरह सामाजिक कार्यो में अपना योगदान देता रहेगा।